उषा मार्टिन विश्वविद्यालय, रांची मे
फार्मेसी की फील्ड में हैं करियर के ये ढेरों अवसर, जानें
दवाओं में है इंट्रेस्ट तो ये कोर्स हैं आपके लिए बेस्ट इस समय तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर्स में हेल्थ का नाम भी है। इसी से जुड़ा फार्मासूटिकल्स का क्षेत्र भी इस समय बड़े मौकों वाला माना जा रहा है। विभिन्न रोगों में लाभ पहुंचा सकने वाली उपयोगी दवाओं की खोज या डिवेलपमेंट में रुचि रखने वाले लोग फार्मेसी सेक्टर से रिलेटेड विभिन्न कोर्स कर इस सेक्टर में करियर बना सकते हैं। यहां नई-नई दवाइयों की खोज व विकास संबंधी कार्य किया जा सकता है। साथ ही अपने कारोबार का स्कोप तो है ही।
डिप्लोमा इन फार्मेसी (डीफार्मा): यह दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है। इसके लिए स्टूडेंट्स को साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए।
बैचलर ऑफ फार्मेसी (बीफार्मा): यह चार वर्षीय (आठ सेमेस्टर का) अंडरग्रैजुएट कोर्स है। इसके लिए स्टूडेंट्स को साइंस स्ट्रीम में 12वीं पास होना चाहिए।
फार्मेसी सेक्टर में आगे बढ़ना चाहते हों तो आपकी साइंस और खासकर लाइफ साइंस व दवाइयों के प्रति दिलचस्पी होनी चाहिए। इससे जुड़े रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए आपकी दिमागी विश्लेषण क्षमता बेहतर होनी चाहिए साथ ही शैक्षणिक बुनियाद भी अच्छी होनी चाहिए। यदि आप इससे जुड़े मार्केटिंग क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो कम्यूनिकेशन स्किल बेहतर होनी चाहिए।
स्कोप
हॉस्पिटल फार्मेसी, क्लिनिकल फार्मेसी, टेक्निकल फार्मेसी, रिसर्च एजेंसीज, मेडिकल डिस्पेंसिंग स्टोर, सेल्स ऐंड मार्केटिंग डिपार्टमेंट, एजुकेशनल इंस्टिट्यूट्स, हेल्थ सेंटर्स, मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव, क्लिनिकल रिसर्चर, मार्किट रिसर्च ऐनालिस्ट, मेडिकल राइटर, ऐनालिटिकल केमिस्ट, फार्मासिस्ट, ऑन्कॉलजिस्ट, रेग्युलेटरी मैनेजर